देहरादून : फॉरेंसिक साइंस के उपयोग, सीसीटीएनएस, आईसीजेएस की भूमिका और आईपीसी, सीआरपीसी और एविडेंस एक्ट को बदलने वाले तीन नए कानूनों से भारत का क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम अमृतकाल में नए युग में प्रवेश करने जा रहा है। यह बात गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को देहरादून स्थित वन अनुसंधान संस्थान में 49वीं ऑल इंडिया पुलिस साइंस कांग्रेस के अवसर पर कही। कहा कि काउंटर टेररिज्म के एप्रोच में जीरो टॉलरेंस की नीति से आगे बढ़ जीरो टॉलरेंस स्ट्रेटजी और जीरो टॉलरेंस एक्शन को अपना कर आतंकवाद को जड़ से समाप्त करने का समय आ गया है।
गृह मंत्री ने कहा कि देश के पुलिस ऑफिसर्स क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा, राज्यों में साइबर सुरक्षा का ऑडिट, सोशल मीडिया, वीजा की लगातार मॉनिटरिंग जैसे नए विषयों पर काम करें। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों के सामने यह लक्ष्य रखा है कि जब देश की आजादी की शताब्दी मनाई जाएगी, उस वक्त विश्व में हर क्षेत्र में भारत सर्वप्रथम हो। इसकी पहली शर्त है कि देश की कानून-व्यवस्था, आंतरिक सुरक्षा और सीमाओं की सुरक्षा चाक-चौबंद हो।
उन्होंने कहा कि तीनों नए विधेयक आईपीसी, सीआरपीसी और एवीडेंस एक्ट को रिप्लेस करेंगे। 1860 से 2023 तक इन कानूनों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया था। बताया कि 16733 पुलिस स्टेशनों को सीसीटीएनएस के साथ जोड़ा गया। ई-कोर्ट के साथ 22000 अदालतों को जोड़ा गया। ई-प्रिजन से दो करोड़ से ज्यादा कैदियों का डाटा, ई- प्रॉसीक्यूशन से एक करोड़ से ज्यादा प्रॉसीक्यूशन का डाटा उपलब्ध है। ई-फोरेंसिक के माध्यम से 17 लाख से अधिक फॉरेंसिक डाटा भी उपलब्ध है। साफ्टवेयर अप्लीकेशन के माध्यम से 90 लाख से ज्यादा फिंगरप्रिंट रिकॉर्ड्स उपलब्ध हैं। 5 लाख से ज्यादा नार्को ऑफेंडर्स का डाटा उपलब्ध है। कहा कि पुलिस को अपने मुखबिरों को नहीं भूलना चाहिए। इस दौरान गृहमंत्री ने एफआरआई परिसर में सीआईआई की ओर से आयोजित प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।
इस मौके पर अपर पुलिस महा निदेशक यूपी राजा श्रीवास्तव, संयुक्त कमिश्नर दिल्ली पुलिस बीएस जायसवाल, आईपीएस एडीजीपी क्रिमिनल एंड इंफोर्समेंट चेन्नई महेश कुमार अग्रवाल, डीजीपी अशोक कुमार ने भी विचार रखे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केन्द्रीय गृह सचिव और बीपीआरएंडडी के महानिदेशक, सभी रैंकों के पुलिस अधिकारी, तकनीकी विशेषज्ञ सहित अन्य मौजूद रहे।