• Fri. Nov 22nd, 2024

प्रधानमंत्री की सुरक्षा में छलपूर्ण लापरवाही


Spread the love

पार्थसारथि थपलियाल/विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री की सुरक्षा में 5 जनवरी को भटिंडा से फिरोजपुर के मार्ग में जिस तरह की खामी को पंजाब सरकार ने हल्के में लिया यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। भारत में प्रधानमंत्री शासन प्रमुख होने के कारण सर्वाधिक सुरक्षा प्राप्त राजनेता होता है। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की सुरक्षा की व्यवस्था एक ब्ल्यू बुक द्वारा निर्धारित होती है। इस बुक में निर्धारित दिशा निर्देशों का पालन उन सभी को शतप्रतिशत करना होता है जो इस बुक के निर्देशों के दायरे में आते हैं। प्रधानमंत्री निजी यात्रा पर हो, छुट्टी पर हो, राजनीतिक गतिविधियों में हो अथवा सरकारी कार्य मे हो, प्रधानमंत्री सदैव एस पी जी (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) की सुरक्षा में रहते हैं। एस पी जी प्रधानमंत्री की एकदम आंतरिक सुरक्षा का दायित्व रखती है। बाह्य सुरक्षा राज्य की पुलिस देखती है।

प्रधानमंत्री कल फिरोजपुर (पंजाब) में भाजपा की एक रैली को संबोधित करने के लिए हवाई जहाज से भटिंडा एयर बेस पर उतरे। मौसम खराब होने के कारण हेलिकॉप्टर की बजाय उन्होंने सड़क मार्ग से फिरोजपुर जाने का निर्णय किया। जैसे विभिन्न स्रोतोंसे ज्ञात हो रहा है, एस पी जी ने पंजाब के महानिदेशक पुलिस से व्यवस्था और रोड क्लियरेंस पर बात की। रोड क्लियरेंस मिलने पर प्रधानमंत्री का काफिला सड़कमार्ग से निकला। रास्ते मे एक जगह पर प्रदर्शनकारियों ने गाड़ियां आड़ी तिरछी लगाकर रोड ब्लॉक कर दिया। मुख्यमंत्री चन्नी को सरकारी स्तर पर संपर्क करने के प्रयास निष्फल रहे। प्रधानमंत्री 20 मिनट तक फ्लाई ओवर पर खड़े रहे। बाद में वे फिरोजपुर यात्रा रद्द कर भटिंडा लौटकर दिल्ली आ गए।

किसान आंदोलन के नाम पर विभाजनकारी शक्तियों ने गत वर्ष 26 जनवरी को दिल्ली में लाल किले पर जो उत्पात मचाया था, सिंघु बॉर्डर की घटनाएं और उसमें चली गोलियां और तलवारबाज़ी के पीछे अनपढ़ और पढ़ा लिखा भारतीय मानता है कि पंजाब की शांति को बिगाड़ने वाले वे तत्व जो पाक गुप्तचर एजेंसी आईएसआई और खालिस्तान के नाम पर अपनी रोटी सेकने वाले अराजकतत्व शामिल थे। क्या पंजाब सरकार और उसकी सुरक्षा एजेंसियों को यह भनक नही है। क्या पंजाब सरकार को पटियाला कोर्ट भवन में गत माह के विस्फोट का भी ध्यान नही था। दिसम्बर 2021 में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावत एवं अन्य 13 का हेलिकॉप्टर नाशक दुर्घटनाग्रस्त होना, क्या उच्च पदों पर बैठे जिम्मेदारों को कोई सीख नही दे गए। यह गहन जांच का विषय है जब डी. जी पी (पंजाब) ने रुट क्लेरेंस की जानकारी एस पी जी को दे दी फिर आंदोलनकारी सड़क को कैसे रोक पाए। इन प्रदर्शनकारियों को प्रधानमंत्री के सड़क मार्ग से आने की सूचना कैसे लीक हुई? जिस देश ने दो दो प्रधानमंत्रियों को पूर्व में खोया है क्या पंजाब जैसे सीमांत प्रदेश में ऐसी लापरवाही बरनी चाहिए थी?

कुछ धूर्त लोग इस लापरवाही पर राजनीति का पर्दा डालते नज़र आये कि प्रधानमंत्री ने अचानक रुट बदला और आंदोलनकारी किसान सड़क पर आ गए। कुछ तो बोल रहे थे कि फिरोजपुर के सभास्थल पर भीड़ नही पहुंची इसलिए प्रधानमंत्री में अपनी यात्रा रद्द कर दी। प्रधानमंत्री की सुरक्षा के संदर्भ में यह एक धूर्तता पूर्ण बयान है। जहां पर प्रधानमंत्री का काफिला 20 मिनट रुका रहा यदि विघटनकारी तत्व वहां पर एक पटाखा भी फोड़ देते, कोई विस्फोटक लगा देते अथवा रुके हुए काफिले पर दूर से अटैक कर देते तो स्थिति बिगड़ जाती। भारत की सबसे पुरानी पॉलिटिकल पार्टी इस लापरवाही पर खेद जताने की बजाय प्रधानमंत्री का मख़ौल उड़ा रही है। अर्बन नक्सली जो राजनीति में घुसपैठ किये हुए हैं वे प्रधानमंत्री को सहन नही कर पा रहे हैं।

राज्यों में सामाजिक सद्भाव बनाये रखना राज्य सरकारों का दायित्व है। अगर सरकारें स्वयं विघटनकारी ताकतों को बढ़ावा दे रही हो तो संविधान की शपथ का कोई मतलब नही रह जाता। पंजाब में यही स्थिति है। पंजाब के मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी का बयान लीपापोती के अलावा कुछ भी नही है। प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई इस लापरवाही की गहन जांच होनी चाहिए और जो लोग दोषी पाए जाएं उन पर देशद्रोह का मुकद्दमा न्यायालय में चलाया जाना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
नॉर्दर्न रिपोर्टर के लिए आवश्यकता है पूरे भारत के सभी जिलो से अनुभवी ब्यूरो चीफ, पत्रकार, कैमरामैन, विज्ञापन प्रतिनिधि की। आप संपर्क करे मो० न०:-7017605343,9837885385