देहरादून : आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर उत्तराखंड की अलग अलग जेलों से सजा काट रहे 39 कैदियों को रिहा किया जा रहा है। बताया गया है कि आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रमों की श्रृंख्ला के क्रम में भारत सरकार के निर्धारित मापदंडों पर रिहाई की जा रही है। राज्यपाल की स्वीकृति के बाद अंतिम फैसला लिया जाता है। देहरादून जेल से महिला सहित सात कैदियों को रिहा किया जा रहा है।
देहरादून सुद्धोवाला जेलर पंवन कोठारी ने बताया कि सात साल से कम सजा वाले ऐसे कैदी जिनकी रिहाई की जा सकती है। उनकी सूची बनाकर आईजी जेल को भेजी जाती है। इसके बाद रिपोर्ट तैयार कर शासन के अनुमोदन के लिए भेजी जाती है। आखिर में राज्यपाल की स्वीकृति के बाद ही रिहा किए जाने वाले कैदियों की फाइनल सूची तैयार होती है। आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर यह तीसरा चरण है। पहले चरण पिछले साल स्वतंत्रता दिवस, दूसरा चरण 26 जनवरी 2023 और तीसरे चरण 15 अगस्त 2023 को रिहाई के लिए 39 कैदियों को चिन्हित किया गया।
जेल में बनाया जा रहा है हुनरमंद :
जेलर पवन कोठारी ने बताया कि जेल में कैदियों को हुनरमंद बनाने के लिए भी कई कार्यक्रम चलाए जा रहे है। जिसमें इंडस्ट्री से संबंधित कार्यों के अलावा, कारपेंटर, गमले बनाने का काम, एलईडी लाइट्स, फेब्रिकेशन, इलेक्ट्रिशियन सहित अन्य हाथ के काम सिखाए जा रहे है। बंदियों से आठ घंटे काम कराया जाता है। जिससे उनमे लेबर सेंस डेवलप होता है और वह खुद की आजीविका के लिए प्रशिक्षित होते है।
जेल में सीखा कारपेंटर का काम :
रिहा होने वाले एक कैदी ने बताया कि वह हॉकी प्लेयर है। चंडीगढ़ में नेशनल खेल में भी प्रतिभाग कर मेडल जीत चुका है। लेकिन धोखाधड़ी के आरोप में जेल जाना पड़ा। जिसका मलाल आज तक है। बताया कि जेल में उसने कारपेंटर का काम सीखा। जेल से रिहा होने के बाद कारपेंटर के काम को ही आजीविका का हिस्सा बनाएगा। खुद का रोजगार शुरू करके परिवार को पाल सके।