रामनगर: उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा परिषद द्वारा संचालित बोर्ड परीक्षाओं की परीक्षाफल सुधार परीक्षा के बाद उत्तीर्ण परीक्षार्थियों के प्रतिशत में वृद्धि हो गई है। हाईस्कूल का उत्तीर्ण परीक्षाफल 85.17 प्रतिशत से बढ़कर 92.04 प्रतिशत हो गया है तो इण्टरमीडिएट उत्तीर्ण प्रतिशत 80.98 से बढ़कर 86.57 हो गया है। परीक्षाफल सुधार परीक्षा में हाई स्कूल के 76.23 प्रतिशत तथा इण्टरमीडिएट 76.95 प्रतिशत परीक्षार्थी सफल रहे हैं। 23 प्रतिशत परीक्षार्थियों को दूसरे प्रयास में भी कोई सफलता नहीं मिली।
उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा परिषद द्वारा संचालित बोर्ड परीक्षाओं के परीक्षाफल सुधार के लिए पहली बार परीक्षाफल सुधार परीक्षा का आयोजन किया गया था। इस सुधार परीक्षा का परिणाम शुक्रवार को जारी किया गया। हाई स्कूल परीक्षाफल सुधार परीक्षा के लिए 11,956 परीक्षार्थी (छात्र 7,129 छात्राएं 4,827) पंजीकृत हुए थे। लेकिन परीक्षा में 11,517 परीक्षार्थी (छात्र 6,869 छात्राएं 4,648) शामिल हुए। इसमें से 8,780 परीक्षार्थी (छात्र 5,148 छात्राएं 3,62) (76.23 प्रतिशत) उत्तीर्ण रहे। जिसके बाद हाईस्कूल की मुख्य परीक्षा का उत्तीर्ण परीक्षाफल 85.17 प्रतिशत से बढ़कर 92.04 प्रतिशत हो गया है। जबकि इण्टरमीडिएट परीक्षाफल सुधार परीक्षा के लिए 9,346 परीक्षार्थी (छात्र 4,744 छात्राएं 4,602) पंजीकृत हुए थे। लेकिन परीक्षा में 8,996 परीक्षार्थी (छात्र 4,529 छात्राएं 4,467) शामिल हुए। इसमें से 6,923 परीक्षार्थी (छात्र 3,316 छात्राएं 3,607) (76.95 प्रतिशत) उत्तीर्ण रहे। इस परिणाम के बाद इण्टरमीडिएट की मुख्य परीक्षा का उत्तीर्ण प्रतिशत 80.98 से बढ़कर 86.57 हो गया है।
परीक्षाफल सुधार परीक्षा में मुख्य परीक्षा में सफल होने वाले परीक्षार्थियों ने भी हिस्सा लिया था। हाई स्कूल के ऐसे 1,631 परीक्षार्थियों ने अपना परीक्षाफल सुधारने के लिए दुबारा परीक्षा दी थी। जिसमें से 1,195 परीक्षार्थियों के अंकों में सुधार हुआ। जबकि 436 परीक्षार्थियों का परीक्षाफल यथावत रहा। इण्टरमीडिएट में अपना परीक्षाफल सुधारने के लिए दुबारा परीक्षा देने वाले परीक्षार्थी 657 थे। जिसमें से 453 परीक्षार्थियों के अंकों में सुधार हुआ। जबकि यहां 204 परीक्षार्थियों का परीक्षाफल यथावत रहा।