• Sun. Nov 3rd, 2024

न चीरा न काट छांट, पेशाब की थैली से पथरी बाहर, होम्योपैथी का चमत्कार


Spread the love

आयुष बनाम एलोपैथ का विवाद सभी जानते हैं। आयुष दवाओं में भी चमत्कार होते हैं। ऐसा ही चमत्कार पौड़ी जिले के श्रीनगर में होम्योपैथिक दवा ने कर दिखाया। यहां 58 साल की एक बुजुर्ग महिला की पेशाब की थैली से 3 और 4 सेंटीमीटर की 3 पथरी बाहर निकल आई। जो कि बिना ऑपरेशन के संभव नहीं है। एलोपैथिक डाक्टरों की माने तो  इतने बड़े आकार की पथरी बिना सर्जरी के निकलना संभव नहीं होता है। पथरी पेशाब की नली के मुंह (यूरेथ्रा) में फंस सकती है। इसलिए सर्जरी करनी पड़ती है।

खंडाह निवासी 58 सुंदरी देवी को कमर में दर्द की शिकायत थी। कुछ माह पूर्व राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में अल्ट्रासाउंड कराया। चिकित्सकों ने पेशाब की थैली (यूरिन ब्लाडर) में पथरी बताई। कोरोना काल की वजह से सर्जरी न हो पाने की वजह से उन्हे दवाई देकर घर भेज दिया गया।

इस बीच उन्हे दर्द की शिकायत बढ़ती गई। इसी दौरान महिला के बेटे को पता चला कि उप जिला अस्पताल मेें तैनात होम्योपैथिक डॉ. शैलेंद्र ममंगाई होम्योपैथी दवाईयों से पथरी गला या बाहर निकाल देते हैं। लगभग एक माह पूर्व सुंदरी देवी का स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद डॉ. ममंगाई ने दवाईयां शुरू कर दी। बुधवार को महिला के पेट में तेज दर्द हुआ और पेशाब के साथ तीन पथरी बाहर निकल आई।

डॉ. ममंगाई ने बताया कि दो पथरी 3 सेंटीमीटर और एक पथरी 4 सेंटीमीटर की है। सामान्य तौर पर इतने बड़े आकार की पथरी होने पर वह मरीज को सर्जरी की सलाह देते हैं। क्योंकि पथरी यूरेथ्रा में फंस सकती है। जिसके चलते इमरजेेंसी में सर्जरी करनी पड़ती है। लेकिन महिला के अनुरोध पर उन्होंने दवाईयां दी। जो कारगार रहीं।

वहीं, उप जिला अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन डॉ. लोकेश सलूजा का कहना है कि पथरी का आकार बहुत बड़ा है। बिना सर्जरी के यह निकल नहीं सकती हैं। क्योंकि पेशाब की नली का मुंह 4 सेमी होता है। होम्योपैथी दवाईयों से पथरी निकलना किसी चमत्कार से कम नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
नॉर्दर्न रिपोर्टर के लिए आवश्यकता है पूरे भारत के सभी जिलो से अनुभवी ब्यूरो चीफ, पत्रकार, कैमरामैन, विज्ञापन प्रतिनिधि की। आप संपर्क करे मो० न०:-7017605343,9837885385