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अबे चुनाव आ गए, आराकोट बंगाण पट्टी के लोगों के आगे शर्म नही आ रही तुम्हें!!


✍️नीरज उत्तराखंडी
हिमाचल प्रदेश से सट्टे उत्तराखंड के आराकोट बंगाण पट्टी में तीन वर्ष पहले आई भीषण विनाशकारी प्राकृतिक आपदा के जख्म आजतक नहीं भर पाये हैं। सरकारी उपेक्षा से आहत क्षेत्र की जनता ने मजबूर होकर चुनाव वहिष्कार का निर्णय लिया था लेकिन अब जिला निर्वाचन अधिकारी के आग्रह पर निर्णय वापस लेकर मताधिकार का उपयोग करने का मन बना लिया।
चुनावी मौसम आते ही इन आपदा पीड़ित क्षेत्रों में मतदान जरूरी पोस्टर भी टगे हैं तो सबसे सुदूर पोलिंग बूथों पर साजो-सामान की चिंता करते पर्यवेक्षक तो वोट मांगते रहनुमाओं की दौड़ धूप भी तेज हो गई है।
सरकारी उपेक्षा व लापरवाही का आलम यह है कि आपदा के 3 वर्ष बीतने के बाद भी दर्जन भर गांव के 372 छात्रों के स्कूल की टूटी छत, मुलभूत सुविधाओं के सुचारू न होने से अभिभावकों के आक्रोश व लोकतंत्र के त्योहार को न मनानेंं की चेतावनी को भी
नुमाइंदों व शासन प्रशासन ने अनसुना किया।
सरकारी नुमाइंदे व प्रदेश का शिक्षा मेहकमा सुदूरवर्ती क्षेत्रों दूरदराज गांव के छात्र-छात्राओं के सुनहरे भविष्य को लेकर कितना गंभीर है,इसका अंदाजा जनपद के सुदूरवर्ती आराकोट पट्टी के इंटरकालेज टिकोची एवं हाईस्कूल चिवां के लकडी बल्लियों के सहारे टीके क्षतिग्रस्त जर्जर भवन से लगाया जा सकता ।जहां कभी दर्जनों गांवों के सैकड़ों छात्र पढतें थे,पर आज तीन वर्ष से बल्लियों के सहारे टीकी छत के नीचें आपदा से भी बड़े हादसे के साए तले है।
उतरकाशी जनपद मुख्यालय से 263 किमी दूर हिमांचल प्रदेश की सीमा से सट्टा आराकोट बंगाण क्षेत्र का राजकीय इंटर कालेज टिकोची क्षेत्र के चिंवा,जागटा,मोंडा,बलावट, झोटाडी, कलीच, गोकुल, बरनाली, डगोली, दुचाणु, किराणु व कलीच आदि एक दर्जन गांव के 173 छात्र-छात्राएं अध्यन्न रत हैं।

बंगाण के सुदूरवर्ती क्षेत्र के दर्जन भर गांव के छात्रों के लिए 1990 के दशक में टिकोची में इ़टर कालेज स्थापित हुआ था। 2018-19 में आराकोट क्षेत्र में आई आपदा में टिकोची इ़टर कालेज का भवन क्षतिग्रस्त हो गया जबकि बचे हुए दो अतिरिक्त कक्षों की छत भी जर्जर हो बल्लियों के सहारे टीक गई जिसके नीचे या खुले मैदान में वर्तमान में 173 छात्र-छात्राएं बैठकर पढाई करनें को मजबूर हैं।

क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता मनमोहन चौहान व हरीश चौहान ने बताया कि 2019 में आपदा से हुए नुकसान का जायजा लेकर आराकोट में प्रतिनिधियों के साथ बैठक के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने प्राथमिकता के आधार पर टिकोची राईका भवन निर्माण को तत्काल धन उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था किंतु आज ढाई वर्ष बाद भी भवन बनना तो दूर मलवा तक नहीं हटाया,जबकि दो बार क्षेत्र शिष्टमंडल ने शिक्षा सचिव,मुख्यमंत्री व डीएम से विद्यालय भवन निर्माण को धन देने की गुहार लगा चुका है,किंतु अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। अब इन वोटो के प्यासे नेताओ को जनता से वोट मांगते शर्म भी नहीं आ रही।

आराकोट क्षेत्र में 2018 में आपदा से क्षतिग्रस्त राजकीय इंटर कालेज टिकोची,हाईस्कूल चिंवा के भवनों की आपदा रिपोर्ट व प्राकंलन उसी समय जिला प्रशासन एवंशासन को भेज दिए गयें हैं, किंतु अभी तक बजट नहीं मिल है।जगदीश प्रसाद काला खंड शिक्षा अधिकारी मोरी, उत्तरकाशी

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