क्या आप या आपके परिजन या परिचित शरीर को ताकतवर, सुडौल और आकर्षक बनाने के लिए फूड सप्लीमेंट का इस्तेमाल कर रहे हैं। क्या आप शारीरिक कमजोरी को दूर करने के लिए प्रोटीन पाउडर आदि खा रहे हैं या फिर मांस पेशियों की मजबूती और स्टेमिना बढ़ाने के लिए टेस्टोस्टेरोन की डोज ले रहे हैं तो सावधान होने की जरूरत है, यह खबर आपके काम की हो सकती है।
अकसर लोग शरीर को तगड़ा दिखाने के लिए खुद ही देखा देखी में फूड सप्लीमेंट्स और मशल्स बढ़ाने के लिए टेस्टोस्टेरोन डोज का का इस्तेमाल करते है। इसके अलावा शरीर की कमजोरी को दूर करने के लिए डॉक्टर भी प्रोटीन प्रोडक्ट खाने की सलाह देते हैं।
बाजार में कई कंपनियों के बेहतरीन फूड स्प्लीमेंट्स या प्रोटीन प्रोडक्ट मौजूद हैं। इसका एक बहुत बडा अंतर्राष्ट्रीय मार्केट है।
भारत में भी यह प्रोडक्ट इंपोर्ट कर बेचे जाते हैं। मंहगी कीमतो पर बिकने वाले इन फूड सप्लीमेंट्स के बाजार में डुप्लीकेट्स/नकली माल भी खूब बिक रहे हैं। जिनकी जानकारी अमूमन खरीदार को नही होती। यह नकली माल न केवल जनता की सेहत के लिए खतरनाक हैं, बल्कि देश की सरकार को भी आर्थिक नुकसान दे रहे हैं। यह नकली माल किस कच्चे माल से बन रहा, यह किसी को नही मालूम। इस नकली माल को ‘जहर’ कहा जाए तो गलत न होगा।
जानकारों के मुताबिक उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में ही कई जगह दुकानों में यह नकली माल धड़ल्ले से बिक रहा है। लेकिन जिम्मेदार विभाग अज्ञात कारणवश आंख मूंदे बैठे हैं।
पूरे देश में ही नकली फूड स्प्लीमेंट्स बेचने का एक रैकेट काम कर रहा है। बताया जा रहा है कि अमेरिकी कंपनियों के अंडर लैब्स (नकली) प्रोडक्ट तैयार कर पूरे देश मे सप्लाई की जा रही है। फूड स्प्लीमेंट्स का यह नकली निर्माण ज्यादातर पंजाब और हरियाणा से हो रहा है।
पांच किलो का प्रोटीन पाउडर का डिब्बा यह नकली माल बनाने वाले दुकानदार को करीब हजार रुपए का दे रही हैं, जिसे ग्राहक को 4500 से 7000 रपए के बीच शरीर बनाने के इच्छुक लोगों को बेच दिया जाता है। यानी एक डिब्बे में 3500 से 6000 का मार्जिन कमाया जाता है।
इससे भी खतरनाक बात यह है कि फूड स्प्लीमेंट्स बेचने वालो की दुकानों में टेस्टोस्टेरोन के इंजेक्शन भी आसानी से बिक रहे हैं। जो की अवैध है। Testosterone ड्रग प्रॉडक्ट है, जिसे मेडिकल स्टोर के अलावा कहीं और नही बेचा जा सकता है। साथ ही यह बगैर डॉक्टर के पर्चे के किसी ग्राहक को दिया जाना प्रतिबंधित है । इसके बावजूद फूड स्प्लीमेंट्स बेचने वाले भी टेस्टोस्टेरोन इंजेक्शन बेच रहे हैं, जिनके भी नकली होने से इंकार नहीं किया जा सकता है।
जानकारों के अनुसार यह टेस्टोस्टेरॉन भी विदेशी कंपनी के लेबल चिपकाकर बेचे जा रहे हैं। नकली टेस्टोस्टेरोन शरीर के लिए बेहद घातक हो सकते हैं। ये मशल्स मजबूत करने के बजाय ऐसे घातक रोग दे सकते हैं, जिनका इलाज भी शायद ही संभव हो।
बड़ा सवाल सरकारी मशीनरी पर :धड़ल्ले से बिक रहे इन नकली फूड स्प्लीमेंट्स और टेस्टोस्टेरॉन प्रॉडक्ट पर लगाम लगाने मे न जाने सरकारी मशीनरी क्यों चुप है। मोटी कमाई वाले इस अवैध कारोबार का बेधड़क चलना एक बडा सवाल है। नारकोटिक्स, ड्रग डिपार्टमेंट, खाद्य संरक्षा विभाग(fssai) ने क्या कभी इस दुकानों को चेक करने की जहमत नहीं उठाई या फिर सब कुछ जानते हुए भी आखें मूंद रखी हैं। पुलिस पर भी सवाल उठने स्वाभाविक हैं, कि अध्ये-पौव्वे पकड़कर अपनी पीठ थपथपाने वाली सिविल पुलिस की नजर इस अरबों के काले अवैध सप्लाई कारोबार पर क्यों नही जाती। आखिर कब इस “जहर” के कारोबार पर लगाम लगेगी। ग्राहक भी बगैर बिल के कोई सामान न लें तो वे खुद भी इस जहर को खाने से बच सकेंगे।