श्रीनगर। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल मार्ग परियोजना निर्माण में जुटे रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) को बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। पौड़ी नाला व देवप्रयाग स्टेशन के बीच पहली मुख्य सुरंग (सुरंग संख्या 7) का संपूर्ण ब्रेक थ्रू (आर-पार) हो गया है। यह पहली मुख्य सुरंग (मेन टनल) है। जिसका संपूर्ण ब्रेक थ्रू ( आर-पार ) हुआ है। इससे पूर्व परियोजना की सात सुरंग का आंशिक ब्रेक थ्रू हो चुका है। यानि कि सुरंगों के कुछ हिस्से ही आपस में जुड़े हैं। पौड़ी नाला सुरंग की लंबाई 1255 मीटर है। इस दौरान कार्यस्थल भारत माता के नारों से गूंज उठा।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में पौड़ी नाला व देवप्रयाग स्टेशन के बीच लगभग सवा किलोमीटर लंबी टनल का निर्माण कार्य रेल विकास निगम ने मार्च 2022 में शुरु किया था। इस दौरान परियोजना के तहत सुरंग निर्माण कार्य तेजी से हुआ। करीब डेढ़ साल की मेहनत के बाद परियोजना की इस मुख्य सुरंग का संपूर्ण ब्रेक थ्रू हुआ।
परियोजना के मुख्य परियोजना प्रबंधक अजीत सिंह यादव ने बताया कि ब्रेक थ्रू का अर्थ है कि जब कोई सुरंग दो ओर से खोदने पर बीच में मिल जाती हैं तथा आर-पार हो जाती है। पौड़ी नाला व देवप्रयाग के बीच टनल की लंबाई 1255 मीटर है। इसमें देवप्रयाग में खुला स्थान नहीं मिलने पर परियोजना के देवप्रयाग स्टेशन का 122 मीटर प्लेटफार्म सुरंग के भीतर रहेगा। उन्होंने बताया कि देवप्रयाग स्टेशन और पौड़ी नाला के बीच सुरंग की लंबाई कम होने की वजह से यहां एस्केप टनल की जरुरत नहीं है। चार किलोमीटर से अधिक लंबाई वाली टनल में एस्केप टनल बनाई जाती हैं।
उन्होंने बताया कि परियोजना में अब सुरंग संख्या छह व सात को जोड़ने के लिए पुल निर्माण कार्य जल्द ही शुरु हो जाएगा। यादव ने बताया कि पहले कोविड तथा वर्तमान में उच्च न्यायालय और उत्तराखण्ड सरकार की ओर से मशीनी खनन पर रोक के चलते सामग्री की कमी होने के कारण परियोजना अपने लक्ष्य समय दिसंबर 2024 तक पूरा नहीं हो पाएगी। अब दिसंबर 2025 में कर्णप्रयाग तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।