• Mon. May 13th, 2024

15 नवम्बर को बंद होंगे केदार नाथ मन्दिर के कपाट


 

 

रूद्रप्रयाग। 11 वें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ, द्वितीय केदार  मदमहेश्वर व तृतीय केदार तुंगनाथ मन्दिर के कपाट बन्द होने की तिथियाँ विजयदशमी पर्व पर शीतकालीन गद्दी स्थलों में पंचाग गणना के अनुसार घोषित कर दी गयी है। भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में घोषित तिथि के अनुसार इस बार भगवान केदारनाथ के कपाट आगामी 15 नवम्बर को भैयादूज पर्व पर वृश्चिक लगन में प्रातः 8:30 बजे शीतकाल के लिए बन्द कर दिये जायेगें । कपाट बन्द होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली धाम से रवाना होगी तथा लिनचोली, जंगलचट्टी , गौरीकुंड, सोनप्रयाग, सीतापुर यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुंचेगी। 16 नवम्बर को पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली रामपुर से रवाना होकर शेरसी, बडा़सू, फाटा, मैखण्डा, नारायण कोटी, नाला सहित विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए विश्वनाथ मन्दिर गुप्तकाशी पहुंचेगी। 17 नवम्बर को पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली गुप्तकाशी से रवाना होकर शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में विराजमान होगी।

पंच केदारो में तृतीय केदार के नाम से विख्यात भगवान तुंगनाथ के कपाट बन्द होने की तिथि भी विजयदशमी पर्व पर शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में घोषित कर दी गयी है। पंचाग गणना के अनुसार भगवान तुंगनाथ के कपाट आगामी 1 नवम्बर को 11 बजे धनु लगन में शीतकालीन के लिए बन्द कर दिये जायेगें तथा कपाट बन्द होने के बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली सुरम्य मखमली बुग्यालों में नृत्य करते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंचेगी।  2 नवम्बर को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली चोपता से रवाना होकर बनियाकुण्ड, दुगलविट्टा, मक्कूबैण्ड हूण्डू, बनातोली यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए भनकुण्ड पहुंचेगी और 3 नवम्बर को शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में विराजमान होगी। भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ आगमन पर सह भोज का आयोजन किया जायेगा। पंच केदारो में द्वितीय केदार के नाम से विख्यात भगवान मदमहेश्वर के कपाट बन्द होने की तिथि भी विजयदशमी पर्व पर शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में पंचाग गणना के अनुसार घोषित कर दी गयी है।पंचाग गणना के अनुसार इस बार मदमहेश्वर धाम के कपाट आगामी 22 नवम्बर को प्राप्त आठ बजे वृश्चिक लगन में शीतकाल के लिए बन्द किये जायेंगे। भगवान मदमहेश्वर के कपाट बन्द होने के बाद भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली धाम से रवाना होकर कूनचट्टी, मैखम्बा, नानौ, खटारा, बनातोली यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए गौण्डार गाँव पहुंचेगी। 23 नवम्बर को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गौण्डार गाँव से रवाना होकर द्वितीय रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मन्दिर रासी पहुंचेगी!l। 24 नवम्बर को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली उनियाणा, राऊलैंक, मनसूना यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए गिरीया गाँव पहुंचेगी तथा 25 नवम्बर को विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर में विराजमान होगी। भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के कैलाश से ऊखीमठ आगमन पर भव्य मेले का आयोजन किया जायेगा

इस मौके पर मुख्य प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्वाण, प्रधान पुजारी शिव शंकर लिंग, टी गंगाधर लिंग, वेदपाठी विश्व मोहन जमलोकी, नवीन मैठाणी, सत्य प्रसाद सेमवाल, मठापति रामप्रसाद मैठाणी, प्रबन्धक बलवीर सिंह नेगी, प्रधान विजयपाल नेगी, विजय भारत मैठाणी, अर्जुन रावत, देवी प्रसाद तिवारी,अतुल मैठाणी , प्रकाश मैठाणी, वन पंचायत सरपंच पवन राणा, नवदीप नेगी , चन्द्रमोहन शैव, विशेश्वर शैव, सहित मन्दिर समिति के अधिकारी, विद्वान आचार्य, हक – हकूकधारी मौजूद थे !

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
नॉर्दर्न रिपोर्टर के लिए आवश्यकता है पूरे भारत के सभी जिलो से अनुभवी ब्यूरो चीफ, पत्रकार, कैमरामैन, विज्ञापन प्रतिनिधि की। आप संपर्क करे मो० न०:-7017605343,9837885385