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सीमांत नेटवर्क की मजबूती के लिए देश को मिली 35 परियोजनाएं, जोशीमठ में रक्षा मंत्री ने किया लोकार्पण


जोशीमठ: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्र जोशीमठ ढाक से बीआरओ द्वारा निर्मित 35 परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इसमें सात राज्यों की 6 सड़कें और 29 पुल शामिल हैं। 670 करोड़ की लागत से तैयार हुई इन परियोजनाओं से जम्मू कश्मीर और उत्तराखंड समेत अन्य हिमालयी राज्यों में चीन की सीमा पर आवागमन और भी आसान हो जाएगा। राजनाथ सिंह ने कहा सीमांत क्षेत्र को देश का अंतिम गांव नहीं माना जा सकता। उन्होंने भी कहा कि सीमांत क्षेत्र भारत का चेहरा है। यह बफर जोन नहीं है। केंद्र सरकार इसे देश का मुख्य हिस्सा मानती है और इसके विकास को लेकर अनेक योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।

इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजनाथ सिंह का स्वागत किया और कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तराखंड राज्य में तेजी से विकास कार्यों को आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है।

पूर्व प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज चमोली पहुंचे। यहां उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्थानीय सांसद तीरथ सिंह की मौजूदगी में संबंधित परियोजनाओं का लोकार्पण व उद्घाटन किया। इनमें उत्तराखंड में 3 ब्रिज, जम्मू-कश्मीर में 1 सड़क व 10 ब्रिज, लद्दाख में 3 सड़कें व 6 ब्रिज, हिमाचल प्रदेश में 1 ब्रिज, सिक्किम में 2 सड़कें, अरुणाचल प्रदेश में 8 ब्रिज तथा मिजोरम में 1 ब्रिज शामिल हैं।

रक्षा मंत्री ने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की सेवा की सराहना करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि किसी परियोजना को समय पर पूरा करना संगठन की प्रतिबद्धता के कारण संभव हुआ है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि एक समय था जब सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता था। पहले की सरकारें इस मानसिकता के साथ काम करती थीं कि मैदानी इलाकों में रहने वाले लोग ही मुख्यधारा के लोग हैं। उनका मानना था कि सीमांत क्षेत्र यदि विकसित होंगे तो दुश्मन देश को इसका लाभ मिलेगा। इसी संकीर्ण मानसिकता के कारण सीमावर्ती क्षेत्रों तक विकास कभी नहीं पहुंच सका। राजनाथ सिंह ने कहा कि ये सोच आज बदल गई है। पीएम मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार देश की सुरक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

राजनाथ ने पर्वतीय क्षेत्र के विकास को न्यू इंडिया का नया आत्मविश्वास बताया। कहा कि आज पहाड़ों पर बुनियादी ढांचे के विकास के साथ ही सुरक्षा को लेकर सेना भी तैनात की जा रही है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन सिर्फ मौसम संबंधी घटना नहीं है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा बेहद गंभीर मुद्दा है। कहा कि रक्षा मंत्रालय इसे बहुत गंभीरता से ले रहा है। इस संबंध में मित्र देशों से भी सहयोग लिया जा रहा है।

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