उत्तरकाशी: जिले में भारत-तिब्बत सीमा पर बसे गाँव जादुंग को 1962 में भारत-चीन युद्ध के कारण खाली करवा दिया गया था। पर्यटन विभाग की पहल से अब इसके दोबारा आबाद होने की उम्मीद है।
जादुंग में उत्तराखण्ड पर्यटन विभाग द्वारा प्रथम चरण में पुनर्निर्माण किया जाएगा। वहां छह घरों को होमस्टे में तब्दील किया जाएगा, जो वर्तमान में जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं। इनका निर्माण पहाड़ी शैली में निर्माण कराया जायेगा। कार्यदायी संस्था द्वारा जादुंग गांव का भ्रमण कर सर्वें करते हुये पुर्ननिर्माण की कार्य योजना पर्यटन विभाग को उपलब्ध करायी जा चुकी है।
सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे के मुताबिक पर्यटन विभाग की नई योजना से प्रदेश के अन्य सीमान्त गांवों में भी पुनर्वास में मदद करेगी। उत्तरकाशी के जादुंग गांव से इसकी शुरुआत होगी। इसकी स्वीकृति बुधवार को हुई कैबिनेट से मिल चुकी है।
कुर्वे के मुताबिक पर्यटन विभाग द्वारा इन भवनों के पुर्ननिर्माण में आने वाले सम्पूर्ण व्यय भार का वहन किया जायेगा। इससे जादुंग गांव के मूल निवासियों को स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होंगे व एक नये पर्यटन गन्तव्य का विकास भी होगा। होमस्टे के रूप में संचालन भवन स्वामियों द्वारा 10 वर्षों तक किया जाना अनिवार्य होगा।