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चारधाम यात्रा : दो-दो पोर्टल पर ई-पास को गैर जरूरी माना


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चारधाम यात्रा में अपेक्षित श्रद्धालुओं की आमद नहीं होने से स्थानीय कारोबारियों में निराशा है। एसओपी के कड़े नियमों को कम करने के लिए वे लगातार सरकार पर दबाव बना रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शासन को सुरक्षित व सर्वमान्य रास्ता तलाशने को कहा है। शासन की उच्च स्तर पर ली गयी बैठक में दो-दो पोर्टलों पर रजिस्ट्रेशन कराने को गैरवाजिब माना गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सचिवालय में चार धाम यात्रा से जुड़े सभी अधिकारियों की बैठक ली।बर्द्धन ने कहा कि राज्य के बाहर से आने वाले चारधाम यात्रियों को स्मार्ट सिटी एवं देवस्थानम् बोर्ड के पोर्टल पर पंजीकरण कराना पड़ता है। पंजीकरण कराये जाने के लिए डॉक्यूमेंट और शर्तें दोनों पोर्टलों में समान हैं। इस कारण एक ही पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना सही होगा। इससे यात्रियों का समय बचेगा। उन्होंने यह भी कहा कि देवस्थानम् बोर्ड की वेबसाइट / पोर्टल खोलने में सामने आ रही समस्याओं का तत्काल निराकरण किया जाय। धामों के चेक प्वाइंट पर ई-पास की चैकिंग के लिए क्यू.आर.कोड की व्यवस्था की जाय। अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि देवस्थानम बोर्ड के पोर्टल पर यात्रियों के पंजीकरण के लिए वन फोन नम्बर, वन बूकिंग और वन आधार नम्बर  के तहत होना चाहिए। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाय कि ई-पास को निर्गत किये जाने एवं ई-पास की चेकिंग व्यवस्था को अत्यंत सरलीकृत किया जाय। ताकि तीर्थ यात्रियों को ई-पास के लिए पंजीकरण कराने में किसी तरह की असुविधा न हो। बैठक में बताया गया कि निर्धारित यात्रियों के सापेक्ष पूर्व से पंजीकृत यात्रियों में से अपेक्षाकृत कम यात्री चार धामों में दर्शन आ रहे हैं।  इस स्थिति में सम्बंधित जिलाधिकारियों द्वारा उक्त यात्रियों के स्थान पर अन्य पंजीकृत यात्रियों को दर्शन की अनुमति दे सकते हैं।

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