उत्तराखंड सरकार ने पूर्व में जारी एसओपी में मामूली संशोधन करते हुए चारधाम यात्रियों को दो-दो वेबसाइट पर पंजीकरण कराने की बाध्यता से छूट दे दी है। इससे यात्रियों को बड़े झंझट से छुटकारा मिल गया है। इसके साथ ही सरकार ने यात्रा को लेकर लागू कड़े प्रावधानों को नरम करने के लिए हाईकोर्ट में भी अपील की है। इस पर मंगलवार 5 अक्टूबर को सुनवाई होगी।
4 अक्टूबर सोमवार को जारी एसओपी के मुताबिक अब स्मार्ट सिटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन को खत्म कर दिया है। अब सिर्फ देवस्थानम बोर्ड के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इस दौरान जनरेट होने वाला ई-पास यात्रा के दौरान साथ रखना होगा। इस ई-पास के साथ कोई भी यात्री (बाहरी राज्य) जिसके पास 15 दिन पहले की डबल डोज वैक्सीनेशन की रिपोर्ट है या 72 घंटे के अंदर की आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट है, वह चारधाम यात्रा पर जा सकता है। केरल,आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र राज्य के नागरिकों के लिए डबल डोज वैक्सीनेशन वाला ऑप्शन खत्म कर दिया गया है। उन्हें 72 घंटे के अंदर की आरटीपीसीआर रिपोर्ट साथ रखनी ही होगी।
श्रद्धालुओं-पर्यटकों से अभद्रता बर्दाश्त नहीं : मुख्यमंत्री
उत्तराखंड केमुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों से कहा कि श्रद्धालु एवं पर्यटक देवभूमि उत्तराखंड से अच्छा संदेश लेकर जाएं, यह सबकी जिम्मेदारी है।श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के प्रति किसी भी प्रकार की अभद्रता बर्दाश्त नहीं की जायेगी।चारधाम यात्रा की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाय प्रदेश में आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं से अपील की कि चारधाम यात्रा के लिए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने के बाद जिन लोगों को परमिशन मिली है, वही लोग उत्तराखंड के चारधाम यात्रा के लिए आयें।