चारधाम यात्रियों की अधिकतम संख्या पर से हाईकोर्ट ने प्रतिबंध प्रतिबंध हटा दिया है। साथ ही ई-पास की बाध्यता भी खत्म कर दी गई है। हालांकि राज्य से बाहर के श्रद्धालुओं को स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा। राज्य के अंदर के श्रद्धालुओं के लिए पंजीकरण की बाध्यता नहीं होगी। देव स्थानम बोर्ड के पोर्टल पर पंजीकरण कराना और ई-पास लेने की व्यवस्था समाप्त हो गयी है।
उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा के लिए नई एसओपी जारी कर दी है। इसमें पूर्व में यानी 17 सितम्बर को जारी एसओपी के कई बिंदुओं को संशोधित किया गया है। ई-पास की बाध्यता भी खत्म कर दी गई है।
हाईकोर्ट के आदेश पर 18 सितम्बर से चारधाम यात्रा शुरू हुई थी। इसके लिए शासन ने 17 सितम्बर को एसओपी जारी की गई, जिसमें बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में एक दिन में अधिकतम (क्रमश: 1000, 800, 600 और 400) श्रद्धालुओं की संख्या निश्चित की गयी । इतना ही नहीं, एसओपी के तहत चारधाम यात्रा के लिए स्मार्ट सिटी के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और देवस्थानम बोर्ड के पोर्टल पर पंजीकरण और ई-पास अनिवार्य कर दिया गया। 72 घंटे के अंदर की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट या 15 दिन पहले का डबल डोज वैक्सीनेशन भी अनिवार्य किया गया था। कोरोना प्रोटकॉल की बाकी गाइडलाइन तो थी ही।
इस तरह भारी भरकम सुरक्षा व्यवस्था के कारण एक दिन में चारो धामों में निर्धारित संख्या से भी कम यात्री जा पा रहे थे। इससे पर्यटन कारोबारियों के साथ ही चारधाम से जुड़े हक हकूक धारियों और कारोबारियों का भी नुकसान हो रहा था।
5 अक्टूबर मंगलवार को हाईकोर्ट का फैसला सरकार के पक्ष में आते ही धर्मस्व एवं संस्कृति सचिव ने चारधाम के लिए नई एसओपी जारी की । इस एसओपी के तहत अब अधिकतम 72 घंटे की कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट या कम से कम 15 दिन पहले के कोरोना के डबल डोज वैक्सीनेशन की रिपोर्ट के साथ कोई भी श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर जा सकता है। सिंगल डोज वैक्सीनेशन मान्य नहीं होगा।
राज्य के बाहर के श्रद्धालुओं को स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा। राज्य के अंदर के श्रद्धालुओं के लिए पंजीकरण की बाध्यता नहीं होगी। देव स्थानम बोर्ड के पोर्टल पर पंजीकरण कराना और ई-पास लेने की व्यवस्था समाप्त हो गयी है। गौरतलब है कि सोमवार को मुख्य सचिव द्वारा जारी एसओपी में स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण कराने की बाध्यता खत्म की गई थी। केरल, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के श्रद्धालुओं से कहा गया था कि वह कोरोना की नेगेटिव जांच रिपोर्ट के साथ ही चारधाम यात्रा पर आएं। मंगलवार को जारी एसओपी में इसका जिक्र नहीं है।