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जहरीले रंजकों को पानी से अलग कर सकेंगे, नींबू और संतरे के छिलकों से किया पानी शुद्ध


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संदीप थपलियाल
देहरादून। यदि एचएनबी गढ़वाल (केंद्रीय) विश्वविद्यालय में रसायन विज्ञान विभाग के शोधकर्ता डॉ. सुमित रिंगवाल के शोध पर औद्योगिक नजरिए से काम किया जाता है, तो दूषित पानी को प्रयोग करने योग्य बनाया जा सकता है। सुमित ने फैक्ट्रियों से निकलने वाले जहरीले रंजकों (डाई) को साफ करने का तरीका इजाद किया है। खास बात है इसके लिए रसायन का प्रयोग करने नींबू और संतरे के छिलकों का प्रयोग किया गया है। विभाग के अनुसार, हर्बल तरीके से शुद्ध किया गया पानी पीने योग्य है।
वर्तमान में फैक्ट्रियों से निकलने वाला रंजक युक्त पानी काफी बड़ी समस्या है। यह पानी नालों से नदियों में मिलता है। जिससे नदियों का पानी भी जहरीला हो जाता है। यह पानी मनुष्यों और जलीय जीवों के लिए बहुत हानिकारक होता है। रंजकों से मनुष्यों में फेफड़ों की बीमारी, त्वचा रोग व कैंसर जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती है।  
डॉ. सुमित पिछले पांच सालों से रसायन विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ. सतीश चंद्र सती के निर्देशन में पानी को रंजकमुक्त करने पर शोध कर रहे थे। इसमें उन्हे सफलता मिल गई है। उन्होंने हर्बल सिद्धांत का प्रयोग कर पानी से रंजकों का डिग्रेशन (घटाना) किया है। सुमित के अनुसार, साफ किया गया पानी पीने योग्य है। यदि इसका बड़े पैमाने पर प्रयोग किया जाए, तो फैक्ट्रियों से निकलने वाले जहरीले पानी का समाधान हो सकता है।
 
चार जहरीले रंजकों पर किया प्रयोग
देहरादून। डॉ. सुमित  ने अपने शोध में चार जहरीले रंजकों मैथेलीन ब्लू, रोज बैंगल, एक्रिडिन ऑरेंज व मैथेलीन ऑरेंज को शामिल किया। इसके लिए उन्होंने मुक्त मूलक अभिक्रया (फ्री रेडिकल मेकेनिज्म) का प्रयोग किया। यानि कि उत्प्रेरक की मदद से रंजकों की संरचना तोड़कर हटाने का काम किया। सर्वप्रथम उन्होंने कमरे के तापमान पर नींबू और संतरे के छिलके सूखाकर  पेस्ट बनाया। बाद में इसमें सिल्वर नाइटे्रट मिलाकर नैनोकण तैयार किए। फिर चार रंजकों के साथ अलग-अलग मात्रा में प्रयोग किया। काफी समय तक चले शोध के बाद यह प्रयोग सफल रहे। रोज बैंगल, एक्रिडिन ऑरेंज व मैथेलीन ऑरेंज चार घंटे में ही पानी से अलग हो गए।  जबकि मैथलीन ब्लू को अलग करने में ९८ घंटे लग गए।
बार-बार कर सकते हैं प्रयोग
श्रीनगर। नीेंबू और संतरे के छिलकों में लाभदायक फ्लेबोनोइड्स, ग्लाइकोसाइट और जरुरी तेल होते हैं। यह रंजक हटाने में उत्प्रेरक का काम करते हैं। डॉ. सुमित के अनुसार १० मिलीग्राम उत्प्ररेक २०० मिलीलीटर पानी को साफ कर सकते हैं। खास बात यह है कि रंजक साफ करने के बाद इन्हे पानी से अलग कर पुन: प्रयोग किया जा सकता है।   

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