श्रीनगर। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान उत्तराखंड (एनआईटी) के भौतिकी विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ. जागृति सहारिया की ऊर्जा रूपांतरण और भंडारण में लागू नवीन सामग्रियों की संरचनात्मक, इलेक्ट्रॉनिक और गति घनत्व जांच की शोध परियोजना को वैज्ञानिक एवं अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने मंजूर कर लिया है। परियोजना के लिए उन्हे 22.16 लाख रुपए अनुदान में मिले हैं
एनआईटी के निदेशक प्रोफेसर ललित कुमार अवस्थी ने ने प्रोजेक्ट अनुदान मिलने पर प्रसन्नता जाहिर की है। उन्होंने डॉ सहरिया को बधाई देते हुए कहा ” राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 भी उच्च शिक्षा में अनुसंधान और नवाचार कि संस्कृति का समर्थन करती है। इस अनुदान से अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा एवं संस्थान में शोध का माहौल बनेगा।
उन्होंने कहा कि तेजी से बदलती जलवायु और बढ़ती वैश्विक आबादी की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। ऊर्जा रूपांतरण और भंडारण के लिए अधिक कुशल, और टिकाऊ सामग्री विकसित करके, हम जीवाश्म ईंधन पर अपनी निर्भरता को कम करके ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में काफी हद तक कमी ला सकते है। इस शोध के नतीजों में हमारी दुनिया की बेहतरी के लिए स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की ओर कदम बढ़ाने और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने की क्षमता है।
डॉ सहरिया ने परियोजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस परियोजना का लक्ष्य ऊर्जा रूपांतरण और भंडारण अनुप्रयोगों के लिए बेहतर गुणों वाली नवीन सामग्रियों की जांच और विकास करना है। ये सामग्रियां संभावित रूप से हमारे ऊर्जा के दोहन और भंडारण के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती हैं, जिससे अधिक कुशल और पर्यावरण के अनुकूल प्रौद्योगिकियों का निर्माण किया जा सकेगा।
संस्थान के प्रभारी कुलसचिव डॉ धर्मेंद्र त्रिपाठी ने डॉ सहरिया को बधाई दी। उन्होंने बताया कि विगत वर्ष संस्थान को लगभग 2 करोड़ रूपये का प्रोजेक्ट अनुदान,1 करोड़ रूपये का कन्सल्टेन्सी प्रोजेक्ट और दो पेटेंट प्रदान किये गए थे।
एनआईटी उत्तराखंड के शोध प्रोजेक्ट को हरी झंडी
