सलीम मलिक
रामनगर। आपसी संघर्ष में घायल हुए या रेस्क्यू किए गए आदमखोर बाघों तथा गुलदारों को रखने वाला एक मात्र वन्य जीव बचाव और पुनर्वास एवं संरक्षण केंद्र पूरी तरह पैक होने के बाद यहां आने वाले नए बाघ व गुलदार को लेकर कॉर्बेट प्रशासन में चिंतन मनन शुरू हो गया है।
वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामनगर रेस्क्यू सेंटर की घोषणा की थी। जिसके बाद ढेला स्थित बनाए गए इस रेस्क्यू सेंटर (वन्य जीव बचाव और पुनर्वास एवं संरक्षण केंद्र) में दस बाघ तथा दस गुलदार को रखे जाने के लिए बाड़े बनाए गए हैं। मौजूदा हालात में यहां दस गुलदार तथा नौ बाघ मौजूद हैं। रेस्क्यू किए गए बाघ और गुलदार को भेजे जाने वाले वैकल्पिक स्थान रानीबाग तथा नैनीताल जू की भी क्षमता पूरी हो चुकी है। जबकि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के आसपास के दायरे में कई बाघ ग्रामीणों के लिए मुसीबत का सबब बने हुए हैं। वन विभाग द्वारा देर सवेर इनका रेस्क्यू किया जाना है। ऐसे में नए रेस्क्यू किए जाने वाले बाघों और गुलदरों को कहां रखा जायेगा इसके लिए कॉर्बेट प्रशासवर्ष न ने चिंतन मनन शुरू कर दिया है।
विकल्प के तौर पर सीटीआर प्रशासन रेस्क्यू सेंटर की मौजूदा क्षमता का विस्तार करने की योजना बना रहा है। जिसके लिए उसे कई अनापत्तियां लेने की जरूरत है। लेकिन मौजूदा रेस्क्यू सेंटर को संचालित किए जाने की सभी अनापत्तियों का निस्तारण ही अभी अपने अंतिम चरण में है। मामले में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के उप निदेशक ने बताया कि रेस्क्यू सेंटर में बाड़ों के विस्तारीकरण की कोशिश की जायेगी। वैकल्पिक व्यवस्था के लिए जहां स्थान उपलब्ध है, वहां वन्य जीवों को रखने की व्यवस्था की जायेगी। जबकि पार्क वार्डन अमित ग्यासकोटि ने बताया कि ऐसी नौबत आने पर पुराने तथा स्वस्थ सदस्यों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जायेगा।